जासं, दक्षिणी दिल्लीः पुलिस ने दो नाइजीरियन ड्रग्स तस्करों को गिरफ्तार किया है। यह एनसीआर में हेरोइन की तस्करी कर रहे थे। इनसे 442 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है। पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि आरोपितों की पहचान आनंस ओसारेटिन और थाम्पसन । आपिटी के रूप में हुई है। उनसे चार मोबाइल और तस्करी में इस्तेमाल कार बरामद हुई है। दोनों मेडिकल 5 वीजा पर भारत आए थे, इसके बाद ड्रग्स तस्करी करने लगे। पुलिस ने आरोपितों को आश्रम रिंग रोड के गेट नंबर एक के पास से गिरफ्तार ई किया है। आनंस ओसारेटिन ग्रेटर नोएडा में रह रहा था। वह 2014 में त किडनी के इलाज के लिए मेडिकल ने वीजा पर भारत आया था। पुलिस ने 2015 में एनडीपीएस अधिनियम के तहत उसे गिरफ्तार भी किया था। न वह सात साल तक जेल में रहा। 2022 में जमानत पर आने के बाद ड्रग्स तस्करी करने लगा। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपित थाम्पसन आपिटी तीन साल पहले गर्दन के दर्द के इलाज के लिए मेडिकल वीजा पर भारत आया था।
हिंदू युवती से शादी कर छिपा था बांग्लादेशी घुसपैठिया, गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपित को सरोजिनी नगर से किया गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्लीः दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को पकड़ा है। वह वर्ष 2004 में अवैध रूप से बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था। इसके बाद 2012 में एक हिंदू युवती से शादी कर ली और बंगाल में ही रहने लगा, ताकि उस पर कोई शक न कर सके। फिर दिल्ली आ गया। यहां पर निर्माण साइट पर काम करता था। पुलिस ने उसे एफआरआरओ कार्यालय को सौंप दिया है।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि सरोजिनी नगर थाना पुलिस ने नशीले पदार्थ की तस्करी के मामले में आरोपित को पकड़ा था। उसकी पहचान मोहम्मद अख्तर शेख के रूप में हुई। अख्तर ने बताया कि वह बंगाल का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। फिर वह जमानत लेने के बाद फरार हो गया। पुलिस ने अख्तर द्वारा पेश दस्तावेजों के आधार पर उसके पते का सत्यापन किया। इस दौरान पता चला कि उसने पुलिस को फर्जी
* 2004 में अवैध रूप से बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था
दस्तावेज दिए थे। पुलिस उस पते पर पहुंची तो वह गलत था। इसके बाद पुलिस ने अख्तर की तलाश शुरू कर दी और उसे 30 दिसंबर को सरोजिनी नगर रेलवे स्टेशन से पकड़ लिया। पुलिस ने
अवैध रूप से रह रहे मां-बेटे को बांग्लादेश भेजा
जासं, दक्षिणी दिल्लीः दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने 19 साल से भारत में अवैध रूप से रह रहे मां-बेटे को गिरफ्तार कर एफआरआरओ के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया। पुलिस ने दोनों को सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा है। इनके पास भारत के कोई दस्तावेज नहीं थे। वह कटवारिया सराय में रहती थी और वहीं एक घर में घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थी। पुलिस उपायुक्त सुरेन्द्र
* पुलिस ने उसे एफआरआरओ कार्यालय को सौंप दिया है
अख्तर से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मूलरूप से बांग्लादेश के कोचाघाटा के मदारगंज का रहने वाला है। उसके पास कोई वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज नहीं मिले हैं।
चौधरी ने बताया कि इनके नाम नजमा खान और नईम खान हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि नजमा करीब 19 साल पहले तीन वर्षीय बेटे के साथ बंगाल की बेनापोल सीमा से भारत आई थी। वह बांग्लादेश के खुलना जिले की रहने वाली है। भारत में घुसपैठ के बाद महिला ने पहचान छिपाने के लिए अपना नाम काजोल रख लिया। फिर यहां पर साफ-सफाई का काम करने लगी।
जंगल के रास्ते भारत में आते थे बांग्लादेशी, फिर ट्रेन के एसी कोच से करते थे दिल्ली तक सफर
जंगल के रास्ते भारत में आते थे बांग्लादेशी, फिर ट्रेन के एसी कोच से करते थे दिल्ली तक सफर
जागरण संवादादाता, नई दिल्लीः । दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार पांचों बांग्लादेशियों से पूछताछ में पाया कि इन्हें जंगल के रास्ते नदी पार कराकर भारत में प्रवेश कराया गया है। एजेंट ने इन्हें बार्डर के नजदीक एक शहर तक पहुंचाया। बार्डर के नजदीकी शहर तक उन्हें बाइक के जरिये पहुंचाया गया। जहां दिल्ली के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाया गया। गौर करने वाली बात यह है कि इन बांग्लादेशियों को ट्रेन के एसी कोच में बैठाकर दिल्ली भेजा जाता था, जिससे के पकडे जाने से बच सकें और आसनी से दिल्ली पहुंच जाएं। इसी दौरान इन्हें फर्जी आधार कार्ड, अस्थायी सिम और कुछ भारतीय मुद्रा मुहैया कराई जाती थी।
जिस फर्जी वेबसाइट के जरिये दिल्ली के रोहिणी में बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाते. उसकी जांच करने पर गिरोह से 30 संदिग्धों के जुड़े होने की जानकारी मिली है। जिनसे पूछताछ की आ राही है। दिल्ली पुलिस की एक टीम आगे की जांच के लिए बांग्लादेश भेजी गई है। इसके साथ ही यह भी पता लगाएंगे कि बांग्लादेशी किन रूटों से भारत में प्रवेश करते थे। पुलिस को शक है कि कई
बाग्लादेशियों का फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के पर्दाफाश के साथ दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आरोपित बेट बांगलादेशी इस गिरोह से पहले आनलाइन आइडी बनवाकर भारत में दाखिल हो चुके हैं।
पुलिस की ओर से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिलाएं ब्यूटी पार्लर और दुकान चलाती थीं। सेंटू शेख के आवास से बांग्लादेशी नागरिकों के चार मतदाता पहचान पत्र बरामद किए गए। उन चारों का पता लगाने के प्रयास किए गए और ऐसी ही एक महिला को बरेली से खोजा गया। जांच से पता चला कि उसका वोटर आइडी सेंटू शेख के पते पर आधार का उपयोग करके जारी किया गया था। उसने स्वीकार किया कि सेंटू ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके
उसके आधार और मतदाता कार्ड बनाने में मदद की। पूछताछ करने पर उसे अपनी बांग्लादेशी पहचान पेश करने के लिए कहा गया। बाका सिटी कारोपोरशन द्वारा जारी उसका बांग्लादेशी जन्म प्रमाणपत्र फोन से प्राप्त किया गया था। उसके माता- पिता के बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद किए गए।
आरोपितों से की गई बरामदगी छह लैपटाप, छह मोबाइल फोन, आधार कार्ड मशीन, रिकार्ड रजिस्टर और विभिन्न दस्तावेज, 25 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड सभी बांग्लादेशी नागरिकों के होने का संदेह है।
दिल्ली में पकड़ा गया इमिग्रेशन रैकेट, बांग्लादेशियों को बना रहा था भारतीय |
दिल्ली में पकड़ा गया इमिग्रेशन रैकेट, बांग्लादेशियों को बना रहा था भारतीय
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में बांग्लादेशियों की पहचान के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के बीच इमिग्रेशन रैकेट का पर्दाफाश हुआ है जो फर्जी दस्तावेज के सहारे इन्हें भारतीय पहचान उपलब्ध कराता था। 20 अक्टूबर को हुई हत्या के एक मामले की जांच के दौरान यह रैकेट पकड़ा गया। दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले बड़ी संख्या में घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाने की आशंका जाहिर की जा रही है जो इस रैकेट के पकड़े जाने के बाद पुष्ट होती दिख रही है। गिरोह पहले बांग्लादेशियों के फर्जी कागजात तैयार कराता था और फिर उनके जरिये इनका असली आधार, पैन और वोटर कार्ड बनाया जाता था। इसके बदले में गिरोह प्रत्येक घुसपैठिये से आठ से 10 हजार रुपये वसूलता था। पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें से सात भारतीय और पांच बांग्लादेशी हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तार लोगों में एक आरोपित अफरोज रोहिणी सेक्टर-5 स्थित कर्नाटक बैंक में आपरेटर है और वहां आधार बनाने का ही काम करता था। घुसपैठियों के नेटवर्क की तलाश में पुलिस की एक टीम बांग्लादेश भेजी गई है।
भारतीय आरोपितों में फर्जी दस्तावेज बनाने वाले, आधार आपरेटर, वेबसाइट डेवलपर और एजेंट शामिल हैं। इनसे पूछताछ के पता चला कि बांग्लादेशियों के भाधार कार्ड 18 साल से कम प्र दिखाकर बनवाए जाते थे योंकि इन्हें दिल्ली के कई केंद्रों
दक्षिणी जिला पुलिस द्वारा आरोपितों से बरामद मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड, मोबाइल फोन, लैपटाप और अन्य दस्तावेज सौजन्य: दिल्ली पुलिस
मुंबई में अवैध रूप से रह रहे 10 बांग्लादेशी गिरफ्तार, अगरतला में दो महिलाएं हिरासत में
मुंबईः नवी मुंबई पुलिस ने बिना किसी दस्तावेज के अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में 10 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इनमें आठ महिलाएं और दो पुरुष शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया पर बनवाना आसान था। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के आधार कार्ड बनाने के लिए दिल्ली में केवल चार केंद्र हैं। इन आरोपितों ने 2023 में ‘जनताप्रिंट्स. साइट’ नाम से फर्जी वेबसाइट भी बनाई थी। जो पांच बांग्लादेशी पकड़े गए है, उन्होंने फर्जी दस्तावेज बनवाए थे। इनमें दो दंपती और एक महिला है। दोनों दंपती पर संगम विहार में एक बांग्लादेशी नागरिक से लूटपाट हत्या का भी आरोप है। पुलिस सभी को रिमांड पर लिया है। व ने
दक्षिण जिले के डीसीपी अंकित चौहान ने बताया कि 20 अक्टूबर की रात 12 बजे संगम विहार से एक महिला ने अपने पति सेंटू शेख उर्फ राजा के घर में बेहोश पड़े होने
कि यह कार्रवाई अपराध शाखा की मानव तस्करी विरोधी इकाई द्वारा वाशी और खारघर इलाकों में की गई छापेमारी के बाद की गई। जांच से पता चला है कि बांग्लादेशी पुरुष आमतौर पर श्रमिक, जबकि महिलाएं घरेलू की सूचना दी थी। पुलिस को सेंटू मृत मिला। इसकी जांच में आठ टीमें लगाई गई। इसमें पता चला कि सेंदू शेख और उसकी पत्नी बांग्लादेशी हैं। सेंटू की हत्या चार बांग्लादेशियों मिदुल मियां उर्फ आकाश अहमद व उसकी पत्नी, फरदीन अहमद उर्फ अभी अहमद व उसकी पत्नी ने की है। चारों को गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने बताया कि सेंटू शेख उन्हीं किसी न किसी बहाने धमकाता था, इसलिए उसकी हत्या कर नकदी व सामान लूट लिया था। पुलिस ने लूट का सामान बरामद कर लिया है।
पुलिस के अनुसार दोनों दंपती डेढ़ वर्ष पहले अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए थे और फर्जी तरीके
* फर्जीवाड़ा करने के लिए आठ से 10 हजार रुपये वसूलते थे • पकड़े गए आरोपितों में सात भारतीय व पांच बांग्लादेशी
* कर्नाटक बैंक में कार्यरत एक आपरेटर भी पकड़ा गया
* नोएडा के साइबर कैफे मालिक ने बनाई थी फर्जी वेबसाइट, यूट्यूब से सीखा था घुसपैठियों के बारे में जानकारी जुटाने एक टीम बांग्लादेश गई सहायिका का काम कर रही थीं। उधर, त्रिपुरा के अगरतला रेलवे स्टेशन पर दो बांग्लादेशी महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। उनकी शिनाख्त निलुफा बेगम और जियास्मिन के रूप में हुई है। से भारतीय आइडी हासिल कर एक साल से संगम विहार में रह रहे थे। इन्होंने पुलिस के सामने अपने बांग्लादेशी पहचान पत्र (चिप-आधारित एनआइडी कार्ड) व जन्म प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए। ये चारों बांग्लादेश में ढाका के रहने वाले हैं। पुलिस ने सेंटू शेख के घर की तलाशी ली, जहां से 21 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड मिले। उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। छह दिसंबर को संगम विहार थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज की।
Reference : दैनिक जागरण 26/08/2024
More News Sources : https://zeenews.india.com/hindi/india/gang-illegally-helped-bangladeshis-to-make-india-home-with-forged-id-fake-website-and-immigration-racket/2574421
55 लाख की हेरोइन के साथ दो नाइजीरियाई गिरफ्तार
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नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो नाइजीरियाई ड्रग्स तस्कर को गिरफ्तार कर एक अंतरर्राष्ट्रीय ड्रग्स कार्टल का भंडाफोड़ किया है। इनके पास से 55 लाख की 550 ग्राम हेरोइन बरामद हुई है। डीसीपी क्राइम ब्रांच सतीश कुमार के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तस्करों के नाम अरमिद और सलीफ हैं। दोनों मूलरूप से नाइजीरिया के रहने वाले हैं । दोनों में किसी के भी पास न तो वैध पासपोर्ट पाया गया और न ही वीजा। ये लोग अवैध रूप से भारत में रह रहे हैं और मादक पदार्थों की तस्करी जैसी गतिविधियों में शामिल थे। अंतरर्राष्ट्रीय ड्रग्स आपूर्तिकर्ता पर नजर रखने और दिल्ली में साइकोट्रोपिक पत्थों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए अपराध शाखा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। (जासं)
नशा तस्कर से 268 ग्राम हेरोइन बरामद 21/4/24
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पश्चिमी दिल्लीः द्वारका जिले के एंटी-नारकोटिक्स सेल ने नशा तस्कर को गिरफ्तार कर उसके पास से 278 ग्राम हेरोइन बरामद की है। हेरोइन की कीमत डेढ़ करोड़ रुपये बताई जा रही है। आरोपित दक्षिणी अफ्रीका के एमेका इकेचुकवु नाइजीरियाई के अनंबरा का रहने वाला है। आरोपित के खिलाफ निहाल विहार थाने में पहले से एक प्राथमिकी दर्ज है। द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त अंकित सिंह ने बताया कि एंटी नारकोटिक्स सेल ने डाबड़ी थाना क्षेत्र के महावीर एन्क्लेव स्थित आरोपित के घर पर छापेमारी कर जब उसकी तलाशी ली तो उससे 278 ग्राम हेरोइन बरामद हुई। आरोपित एमेका इकेचुकु ओकोरी ने बताया कि उसके पास दक्षिण अफ्रीका और नाइजीरिया दो जगहों की नागरिकता है। (जासं)
दो नाइजीरियाई नागरिकों की आम बुराड़ी में हुए धमाके में मौत : दैनिक जागरण 28-02-2024
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मृतकों में से सिर्फ एक पहचान 28 वर्षीय के रूप में हुई है। दूसरे पहचान का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस ने नाइजीरियाई दूतावास से संपर्क किया है। वरिष्ठ अधिकारी भी अभी स्पष्ट नहीं बता पा रहे हैं. कि धमाका किस वजह से हुआ फोरेंसिक टीम ने धमाके वाले स्थान से जांच के लिए सैंपल लिए हैं, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई जाएगी
70 लाख की ड्रग्स के साथ नाइजीरियाई तस्कर गिरफ़्तार | 24-09-2023 दैनिक जागरण
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