जागरण संवाददाता, आगरा आगरा में पुलिस ने 32 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से 13 महिला व 15 पुरुष को जेल भेजा गया है। इनके साथ पकड़े गए 12 बच्चों में से चार को किशोर गृह भेजा गया है। एक खाली मैदान में इन सब ने झुग्गी-झोपड़ी डालकर बस्ती बसा रखी थी। सभी कूड़ा बीनने और बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के काम में लगे हुए थे। घुसपैठियों से 35 फर्जी आधार कार्ड व एक पैनकार्ड भी बरामद हुए हैं। पुलिस टीम ने शनिवार आधी रात को आवास विकास कालोनी सेक्टर 14 में बनीं झुग्गी-झोपड़ियों पर कार्रवाई की। यहां से 32 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया। उनके साथ 12 बच्चे भी हैं। इनमें आठ की आयु तीन महीने से सात वर्ष है। चार की आयु 12 से 18 वर्ष के बीच है। पुलिस
सिकंदरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार आवास विकास कालोनी में अवैध रूप से झुग्गी झोपड़ी डालकर रहने वाले बांग्लादेशी घुसपैठिये • जागरण DJ
डालकर 12 साल से रह रहे थे • 32 लोग गिरफ्तार, फर्जी 35 आधार कार्ड और एक पैन कार्ड बरामद
के अनुसार गिरफ्तार लोगों के साथ चार ऐसे बांग्लादेशियों को पकड़ा गया है, जिनके पास बांग्लादेश के पासपोर्ट और भारतीय वीजा हैं। इनमें दो महिलाएं, एक पुरुष और एक करती है।
बच्चा है। अवैध रूप से रहने वाले हलीम की पत्नी और बेटी वीजा पर यहां आए थे। पुलिस उपायुक्त नगर विकास कुमार ने बताया कि पकड़े गए बांग्लादेशियों में शामिल हालिम यहां करीब 12 वर्ष से रह रहा है। वह बांग्लादेश के नागरिकों को एजेंट की मदद से घुसपैठ कराता है। इसमें बांग्लादेश की रहीमा उसकी मदद
• आवास विकास कालोनी में झुग्गी
नाइजीरियन गैंग के शातिरों को उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना पकड़ी
जासं, नोएडा डालर में व्यापार करने का झांसा देकर ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह के शातिरों को किराये पर बैंक खाता उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना को बुधवार को साइबर क्राइम थाने की टीम ने दबोच लिया। उसकी पहचान दिल्ली के बदरपुर की प्रीति चंद्रा के रूप में हुई है। अभी तक प्रीति ने जालसाजों को कुल 110 खाते उपलब्ध कराए थे। बीते दिनों गिरोह के जालसाजों ने अमेरिकी गोल्ड माइनिंग कंपनी के साथ कारोबार करने का झांसा देकर एक कारोबारी से 60 लाख रुपये की ठगी कर ली। जिस खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई थी, उसे प्रीति ने नाही जालसाजों को उपलब्ध कराया था। महिला से पुलिस ने पूछताछ की और बाद में न्यायालय में पेश कर ■ जेल भेज दिया।
पूछताछ में प्रीति ने बताया उसे प्रति खाता एक बार में 15 हजार रुपये और हर महीने प्रति खाते पांच हजार रुपये दिए जाते थे। नाइजीरियन गिरोह सरगना क्रिस्टी मर्फी से उसकी दोस्ती है और उससे मिलती जुलती भी है। गिरोह के जालसाजों से प्रीति का संपर्क था और नियमित अंतराल पर उसकी बात होती थी। दो साल पहले गाजियाबाद के अखिलेश सिंह ने साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत में बताया कि उनके पास अमेरिका के विंस्टन गोल्ड माइनिंग कारपोरेशन के परचेज मैनेजर बनकर एक रहे।
महिला ने फोन किया और बताया कि अगर संबंधित कंपनी में यह निवेश करते हैं और लाखों रुपये का मुनाफा रोजाना होगा। रकम डालर में निवेश करनी होगी। पैसे के बदले में डालर वह उपलब्ध करा देंगे। झांसे में आने के बाद अखिलेश ने कारोबार और निवेश के लिए हामी भर दी। इसके बाद नाइजीरियन जालसाजों ने झांसे में लेकर उनसे शिपिंग चार्ज, कंसल्टेंसी चार्ज समेत अन्य मद में 60 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। किराये पर खाते उपलब्ध कराने वाले कई अन्य शातिरों की पहचान भी हुई है। महिला को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव, गजेंद्र कुमार, रवि कुमार, अरुणा कुमार और उमेश वर्मा के अलावा अन्य लोग शामिल
• दिल्ली के बदरपुर की रहने वाली प्रीति चंद्रा ने उपलब्ध कराए थे 110 खाते • नोएडा की क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपित महिला को किया गिरफ्तार
ल नाइजीरियन गैंग के शातिरों को उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना पकड़ी
पुलिस ने अवैध नागरिकों को किया डिपोर्ट
पश्चिमी दिल्ली : द्वारका जिला पुलिस ने एक अभियान के तहत जनवरी माह में बिना वीजा के अवैध रूप से भारत में रह रहे 26 अफ्रीकी मूल के नागरिकों को उनके देश डिपोर्ट किया है। इस अभियान में वाहन चोरी निरोधक दस्ता, एंटी नारकोटिक्स सेल, उत्तम नगर, द्वारका नार्थ व मोहन गार्डन थाना पुलिस की टीम ने भाग लिया। उज्बेकिस्तान, घाना व नाइजीरिया के नागरिक हैं। (जासं)