नाइजीरियाई के पास मिला एम्फेटेमिन
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली: द्वारका जिला पुलिस के एंटी नारकोटिक्स सेल ने जस्टिस नामक नाइजीरियाई नागरिक को मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपित के पास से 60 • ग्राम एम्फेटेमिन बरामद किया गया है। जस्टिस जनवरी महीने में ही मेडिकल वीजा पर भारत पहुंचा। जब पुलिस ने इससे पूछताछ शुरू ■ की तो पता चला कि यह वर्ष 2019 में भी भारत आया था। तब भी यह (मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल था। एक बार फिर इसने भारत में मौजूद अपने नेटवर्क से संपर्क किया और यहां पहुंच गया। इससे पूछताछ कर पुलिस इसके नेटवर्क में शामिल लोगों के बारे में पता लगा रही है ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।
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चिंता की क्या है बात इलाके में मादक पदार्थ तस्करी के आरोप में विदेशी नागरिक की संलिप्तता का यह कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी एम्फेटेमिन हो या हेरोइन विदेशी नागरिकों से पुलिस
क्या है एम्फेटेमिन
महंगे होते नशे के बीच दवाइयों का इस्तेमाल नशे के लिए होने लगा है। तस्कर अब अलग अलग यौगिक से बनी दवाइयों को मिलाकर मादक पदार्थ बनाने लगे हैं। एम्फेटेमिन ऐसा ही मादक पदार्थ है। यह एक तरह का रसायनिक यौगिक है। यह इंसान के तंत्रिका तंत्र पर कार्य करता है। इसका सेवन नींद को दूर करता है और कार्य क्षमता को बढ़ा देता है।
बरामद कर चुकी है। पिछले वर्ष सितंबर महीने में निहाल विहार इलाके में ओकेचुकुवु नामक नाइजीरियाई नागरिक को गिरफ्तार किया था। आरोपित निहाल विहार स्थित किराये के कमरे में एम्फेटेमिन बनाता था। इसके लिए इसने घर में पूरा इंतजाम किया हुआ था । आरोपित द्वारा यह बताया जाना कि यह पूर्व में भारत में रहकर मादक पदार्थ तस्करी में शामिल रहा है, यह पुलिस के लिए चिंता की बात
है। द्वारका जिला पुलिस ने क्षेत्र में अवैध तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों को धड़पकड़ के लिए अभियान चलाया हुआ है। अभियान के तहत पिछले वर्ष अवैध रूप से रह रहे 437 लोगों को उनके देश में डिपोर्ट किया गया। पश्चिमी व बाहरी जिला पुलिस भी इलाके में किरायेदार सत्यापन के लिए अभियान चलाकर यह सुनिश्चित करती है कि उनके यहां कोई भी विदेशी नागरिक अवैध तरीके से नहीं रह रहा हो। लेकिन इन सभी उपायों का जितना असर होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है।
मादक पदार्थ तस्करी के अधिकांश मामलों में पकड़े गए आरोपित अफ्रीकी देशों से ताल्लुक रखते हैं। इसकी एक वजह यह है अफ्रीकी देशों की आर्थिक स्थिति सही नहीं होना है। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले अफ्रीकी देशों के नागरिकों का अंतरराष्ट्रीय तस्कर फायदा उठाते हैं। और इनका इस्तेमाल ढोने वाले के तौर पर करते हैं। बाद में ये ढोने वाले लोग इस नेटवर्क में स्थायी तौर पर शामिल हो जाते हैं।