नाइजीरियन गैंग के शातिरों को उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना पकड़ी

नाइजीरियन गैंग के शातिरों को उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना पकड़ी

जासं, नोएडा डालर में व्यापार करने का झांसा देकर ठगी करने वाले नाइजीरियन गिरोह के शातिरों को किराये पर बैंक खाता उपलब्ध कराने वाली महिला सरगना को बुधवार को साइबर क्राइम थाने की टीम ने दबोच लिया। उसकी पहचान दिल्ली के बदरपुर की प्रीति चंद्रा के रूप में हुई है। अभी तक प्रीति ने जालसाजों को कुल 110 खाते उपलब्ध कराए थे। बीते दिनों गिरोह के जालसाजों ने अमेरिकी गोल्ड माइनिंग कंपनी के साथ कारोबार करने का झांसा देकर एक कारोबारी से 60 लाख रुपये की ठगी कर ली। जिस खाते में रकम ट्रांसफर कराई गई थी, उसे प्रीति ने नाही जालसाजों को उपलब्ध कराया था। महिला से पुलिस ने पूछताछ की और बाद में न्यायालय में पेश कर ■ जेल भेज दिया।

 

पूछताछ में प्रीति ने बताया उसे प्रति खाता एक बार में 15 हजार रुपये और हर महीने प्रति खाते पांच हजार रुपये दिए जाते थे। नाइजीरियन गिरोह सरगना क्रिस्टी मर्फी से उसकी दोस्ती है और उससे मिलती जुलती भी है। गिरोह के जालसाजों से प्रीति का संपर्क था और नियमित अंतराल पर उसकी बात होती थी। दो साल पहले गाजियाबाद के अखिलेश सिंह ने साइबर क्राइम थाने में दी शिकायत में बताया कि उनके पास अमेरिका के विंस्टन गोल्ड माइनिंग कारपोरेशन के परचेज मैनेजर बनकर एक रहे।

 

महिला ने फोन किया और बताया कि अगर संबंधित कंपनी में यह निवेश करते हैं और लाखों रुपये का मुनाफा रोजाना होगा। रकम डालर में निवेश करनी होगी। पैसे के बदले में डालर वह उपलब्ध करा देंगे। झांसे में आने के बाद अखिलेश ने कारोबार और निवेश के लिए हामी भर दी। इसके बाद नाइजीरियन जालसाजों ने झांसे में लेकर उनसे शिपिंग चार्ज, कंसल्टेंसी चार्ज समेत अन्य मद में 60 लाख रुपये की ठगी कर ली थी। किराये पर खाते उपलब्ध कराने वाले कई अन्य शातिरों की पहचान भी हुई है। महिला को गिरफ्तार करने वाली टीम में साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव, गजेंद्र कुमार, रवि कुमार, अरुणा कुमार और उमेश वर्मा के अलावा अन्य लोग शामिल

 

• दिल्ली के बदरपुर की रहने वाली प्रीति चंद्रा ने उपलब्ध कराए थे 110 खाते • नोएडा की क्राइम ब्रांच की टीम ने आरोपित महिला को किया गिरफ्तार

 

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