पुलिस ने आरोपित को सरोजिनी नगर से किया गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्लीः दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने एक बांग्लादेशी घुसपैठिए को पकड़ा है। वह वर्ष 2004 में अवैध रूप से बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था। इसके बाद 2012 में एक हिंदू युवती से शादी कर ली और बंगाल में ही रहने लगा, ताकि उस पर कोई शक न कर सके। फिर दिल्ली आ गया। यहां पर निर्माण साइट पर काम करता था। पुलिस ने उसे एफआरआरओ कार्यालय को सौंप दिया है।
पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि सरोजिनी नगर थाना पुलिस ने नशीले पदार्थ की तस्करी के मामले में आरोपित को पकड़ा था। उसकी पहचान मोहम्मद अख्तर शेख के रूप में हुई। अख्तर ने बताया कि वह बंगाल का रहने वाला है। इस मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। फिर वह जमानत लेने के बाद फरार हो गया। पुलिस ने अख्तर द्वारा पेश दस्तावेजों के आधार पर उसके पते का सत्यापन किया। इस दौरान पता चला कि उसने पुलिस को फर्जी
* 2004 में अवैध रूप से बंगाल की सीमा से भारत में घुसा था
दस्तावेज दिए थे। पुलिस उस पते पर पहुंची तो वह गलत था। इसके बाद पुलिस ने अख्तर की तलाश शुरू कर दी और उसे 30 दिसंबर को सरोजिनी नगर रेलवे स्टेशन से पकड़ लिया। पुलिस ने
अवैध रूप से रह रहे मां-बेटे को बांग्लादेश भेजा
जासं, दक्षिणी दिल्लीः दक्षिणी पश्चिमी जिला पुलिस ने 19 साल से भारत में अवैध रूप से रह रहे मां-बेटे को गिरफ्तार कर एफआरआरओ के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया। पुलिस ने दोनों को सत्यापन अभियान के दौरान पकड़ा है। इनके पास भारत के कोई दस्तावेज नहीं थे। वह कटवारिया सराय में रहती थी और वहीं एक घर में घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थी। पुलिस उपायुक्त सुरेन्द्र
* पुलिस ने उसे एफआरआरओ कार्यालय को सौंप दिया है
अख्तर से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह मूलरूप से बांग्लादेश के कोचाघाटा के मदारगंज का रहने वाला है। उसके पास कोई वैध पासपोर्ट या अन्य दस्तावेज नहीं मिले हैं।
चौधरी ने बताया कि इनके नाम नजमा खान और नईम खान हैं। पुलिस पूछताछ में पता चला कि नजमा करीब 19 साल पहले तीन वर्षीय बेटे के साथ बंगाल की बेनापोल सीमा से भारत आई थी। वह बांग्लादेश के खुलना जिले की रहने वाली है। भारत में घुसपैठ के बाद महिला ने पहचान छिपाने के लिए अपना नाम काजोल रख लिया। फिर यहां पर साफ-सफाई का काम करने लगी।