भारतीय पासपोर्ट के साथ बांग्लादेशी दबोचे
मा-बेटी ने जाली दस्तावेज से बनवाया था पासपोर्ट, कई चुनाव में मतदान भी किया था
जागरण संवाददाता, नई दिल्लीः दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें पकड़कर वापस बांग्लादेश भेजने के अभियान के तहत मध्य जिला पुलिस ने तीन और बांग्लादेशियों को पकड़ा है। इनमें मां-बेटी व महिला का एक किशोर बेटा शामिल है। मां-बेटी पिछले कई चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुकी हैं।
डीसीपी एम हर्ष वर्धन के मुताबिक मध्य जिला पुलिस अब तक
21 बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर चुकी है और उन्हें कार्रवाई के बाद बांग्लादेश भेज चुकी है। 28 जनवरी को सत्यापन के दौरान मां, बेटी और किशोर को संगतराशन, पहाड़गंज में किराए के घर में रहते हुए पाया गया। इसके बाद एसीपी संजय सिंह व इंस्पेक्टर भूपेंद्र कुमार की देखरेख में पुलिस टीम द्वारा तीनों से पूछताछ में उनकी पहचान जोहरा खातून, सैय्यदा अख्तर पुस्पो और किशोर के रूप में की गई। पूछताछ में उन्होंने अपने आधार कार्ड, पैन कार्ड और कई अन्य भारतीय पहचान पत्र उपलब्ध कराए, जिससे पहले उनके भारतीय नागरिक होने का पता चला। दस्तावेज की जांच से बाद में पता चला कि उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज फर्जी हैं। घर की तलाशी लेने पर जोहरा खातून और सैय्यदा अख्तर पुस्पो के नाम से दो बांग्लादेशी पासपोर्ट और सीसीएल के नाम से शिक्षा बोर्ड, बांग्लादेश की एक मार्कशीट बरामद हुई। इसके बाद स्वीटी सरकार उर्फ जोहरा खातून और उसकी बेटी पुस्पो सरकार के खिलाफ पहाड़गंज में कई धाराओं में केस दर्ज कर गिरफ्तार करने के बाद उन्हें कोर्ट के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया
भारतीय पासपोर्ट
गया और किशोर को बाल न्यायालय में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि जोहरा खातून बेनापोल सीमा से अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी और 20 साल से ज्यादा समय से दिल्ली में रह रही है। अक्टूबर 2020 में उसने स्वीटी सरकार के साथ भारतीय पासपोर्ट बनवाया था, जिसमें उसने छतरपुर एन्क्लेव का पता दिखाया था और दिल्ली में जन्म स्थान बताया था। उसके पास आधार, पैन, वोटर आइडी कार्ड भी मिले। वह आर के आश्रम मेट्रो स्टेशन के पास एक ट्रैवल कंसल्टेंट कंपनी में काम करती है।। उसकी बेटी का पिछले साल सितंबर में बना था। पुलिस का कहना है कि उसी घर में एक बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद अली अमीन को दिसंबर में वीजा समाप्त होने के बाद अधिक समय तक रहते पाया गया था।