जंगल के रास्ते भारत में आते थे बांग्लादेशी, फिर ट्रेन के एसी कोच से करते थे दिल्ली तक सफर
जागरण संवादादाता, नई दिल्लीः । दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार पांचों बांग्लादेशियों से पूछताछ में पाया कि इन्हें जंगल के रास्ते नदी पार कराकर भारत में प्रवेश कराया गया है। एजेंट ने इन्हें बार्डर के नजदीक एक शहर तक पहुंचाया। बार्डर के नजदीकी शहर तक उन्हें बाइक के जरिये पहुंचाया गया। जहां दिल्ली के लिए एक एक्सप्रेस ट्रेन में बैठाया गया। गौर करने वाली बात यह है कि इन बांग्लादेशियों को ट्रेन के एसी कोच में बैठाकर दिल्ली भेजा जाता था, जिससे के पकडे जाने से बच सकें और आसनी से दिल्ली पहुंच जाएं। इसी दौरान इन्हें फर्जी आधार कार्ड, अस्थायी सिम और कुछ भारतीय मुद्रा मुहैया कराई जाती थी।
जिस फर्जी वेबसाइट के जरिये दिल्ली के रोहिणी में बांग्लादेशियों के फर्जी दस्तावेज बनाए जाते. उसकी जांच करने पर गिरोह से 30 संदिग्धों के जुड़े होने की जानकारी मिली है। जिनसे पूछताछ की आ राही है। दिल्ली पुलिस की एक टीम आगे की जांच के लिए बांग्लादेश भेजी गई है। इसके साथ ही यह भी पता लगाएंगे कि बांग्लादेशी किन रूटों से भारत में प्रवेश करते थे। पुलिस को शक है कि कई
बाग्लादेशियों का फर्जी भारतीय दस्तावेज बनाने वाले गिरोह के पर्दाफाश के साथ दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आरोपित बेट बांगलादेशी इस गिरोह से पहले आनलाइन आइडी बनवाकर भारत में दाखिल हो चुके हैं।
पुलिस की ओर से गिरफ्तार बांग्लादेशी महिलाएं ब्यूटी पार्लर और दुकान चलाती थीं। सेंटू शेख के आवास से बांग्लादेशी नागरिकों के चार मतदाता पहचान पत्र बरामद किए गए। उन चारों का पता लगाने के प्रयास किए गए और ऐसी ही एक महिला को बरेली से खोजा गया। जांच से पता चला कि उसका वोटर आइडी सेंटू शेख के पते पर आधार का उपयोग करके जारी किया गया था। उसने स्वीकार किया कि सेंटू ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके
उसके आधार और मतदाता कार्ड बनाने में मदद की। पूछताछ करने पर उसे अपनी बांग्लादेशी पहचान पेश करने के लिए कहा गया। बाका सिटी कारोपोरशन द्वारा जारी उसका बांग्लादेशी जन्म प्रमाणपत्र फोन से प्राप्त किया गया था। उसके माता- पिता के बांग्लादेशी राष्ट्रीय पहचान पत्र भी बरामद किए गए।
आरोपितों से की गई बरामदगी छह लैपटाप, छह मोबाइल फोन, आधार कार्ड मशीन, रिकार्ड रजिस्टर और विभिन्न दस्तावेज, 25 आधार कार्ड, चार मतदाता पहचान पत्र और आठ पैन कार्ड सभी बांग्लादेशी नागरिकों के होने का संदेह है।